संख्या ए-
1 /3 2 4 4 /X&7 3महत्व पूर्ण
/अति आवһकउत्तर प्रदेश शासन
वित्त
( लेखा) अनुभाग- 1संख्या
1 /3 2 4 4 /X&7 3लखनऊ , दिनांक
1 1 दिसम्बर 1 9 7 3कार्यालय ज्ञाप
शासन ने समय-समय पर इस बात की आवश्कता महसूस की है कि अधिक खर्च करने वाले विभागों के अधिकारियों के आहरणों के सम्बंध में विनियोजन नियंन्नण की एक प्रणाली लागू की जाय और इस सम्बंध में यह निर्णय लिया है प्रथम प्रक्रम के रूप में यह प्रणाली सार्वजनिक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और वन विभागों में लागू कर दी जाय।
2
तदनुसार यह निӰय किया गया है कि उपर्युक्त विभागों के प्रत्येक आहरण अधिकारी के लिए उप-कोषागारों और कोषाकारों के नाम साख पन्न जारी करने की प्रणाली लागू कर दी जाय और उसमें यह अनुबद्ध कर दिया जाय कि सम्बन्धित अधिकारी प्रत्येक महीने मेें तथा वर्ष के दौरान कुल कितनी धनराӫि आहरित कर सकता है। इस योजना के अन्र्तगत आने वाले विभागाध्यक्ष वित्त विभाग को एक विवरण पत्र प्रस्तुत करेेंगे जिसमें आय-व्ययक में नियत धनराӫि और मुख्यालयों में केन्द्रीय खरीदारियोें के सम्बंध मेें तथा अधीनस्थ अधिकारियों को विӳाष एवं अत्यावһक जरूरतों के निमित्त भावी आवंटन के लिए केन्द्रीय आरक्षण के रूप में समायोजन हेतु अपेक्षित धनराӫि दिखायी जायगी तथा उसमें वह सीमा भी प्रदर्ӫित की जायेगी जहां तक कि अधीनस्थ अधिकारियांे के लिए प्रति मास निधियां आहरित करने की अनुमति प्रदान करना आवһक है। धनराӫि का जो विभाजन ӫासन को प्रस्तुत किया जायगा वह किसी जिला कोषागार को एक इकाई मानकर निकाला जायगा। इन विवरण पत्रों के आधार पर वित्त विभाग विभिन्न आहरण अधिकारियोें के लिये आवंटित कुल मासिक और वार्षिक धनराӫियों के सम्बन्ध मेे कोषाधिकारियों को आवһक अनुदेӫ जारी करेगा। ये आहरण अधिकारी ( जैसे अधिӫासी अभियन्ता) आगे इन नियत धनराӫियों को अपने कार्य करने वालोें विभिन्न अधीनस्थ अधिकारियों को ( जैसे अधिӫासी अभियन्ता) प्रदिष्ट करेेंगे और इस आवंटित धनराӫियोें के बारे मेें जिला कोषागारोें को सूचित करेेंगे। तदुपरान्त जिला कोषाधिकारीं इन आवंटनों की सूचना स्टेट बैंक की सम्बन्धित ӫाखाओं और विभिन्न उप-कोषगारोें को देंगे।3
इसका अभिप्राय यह है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और वन विभाग के अधिकारियों द्वारा चेक से जो धनराӫि निकाली जाय वह स्टेट बैंक आफ इंडिया की सम्बन्धित ӫाखाओं मेें इन अधिकारियों के लिए संसूचित आंवटनों द्वारा विनियमित रहे। साखपत्र की यह प्रणाली सार्वजनिक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और वन विभाग को विप्रेषणों के अन्र्तगत केवल व्यय पक्ष के आहरणों के सम्बन्ध मेें लागू होगी। इन विभागों द्वारा बैंक में प्राप्तियों के निक्षेप की प्रक्रिया वही होगी जो अब तक थी और साखपत्र की प्रणाली का इस पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा। जैसा कि अभी तक है, इन प्राप्तियोें की धनराӫि मेें से कोई आहरण नहीं किया जा सकेगा।ढध्च्झ4
विभिन्न आहरण अधिकारियों द्वारा जो चेक काटे जायेंगे वे उस अधिकारी के संबंध में स्टेट बैंक आफ इंडिया का संसूचित आंवटित धनराӫि की सीमा तक बैंक द्वारा स्वीز किये जायेंगे। यदि किसी महीने मेें आहरित धनराӫि उस महीने के लिये आवंटित धनराӫि से कम हो तो अधिकारी को यह अनुमति होगी कि वह यह ӫेष धनराӫि अनुवर्ती महीने में आहरित कर सकता है बӫर्ते कि सम्पूर्ण वर्ष के लिये की गई कुल व्यवस्था से अधिक न हो जाय। पर वर्ष के अन्त में जो धनराӫि ӫेष रह जायगी वह ब्यपगत समझी जायेगी। किन्तु यदि कोई चेक वर्ष समाप्त होने के पहले काटा जाय और उसका भुगतान वर्ष समाप्त होने के बाद किया जाय तो उसका हिसाब उस वर्ष के साखपत्र में सम्मिलित किया जायगा जिस वर्ष यह चेक काटा गया हो। वर्ष के दौरान इस बात की आवһकता पड़ सकती है कि कतिपय अधिकारियों को जो धनराӫि आवंटित की गई है वह उनसे पुनःग्र्रहण कर ली जाय और उसे दूसरे अधिकारियों को पुनः आवंटित कर दिया जाय। मुख्य अभियन्ता/ मुख्य अरण्यपाल से सूचना प्राप्त होने पर अपेक्षित निधियां पुर्नग्रहण करने/ आवंटित धनराӫि में वृद्धि करने के बारे में सम्बन्धित कोषाधिकारियों को आदेӫ जारी किये जायेंगे।5
मुख्य अभियन्ताओं/ मुख्य अरण्यपालों को जिन बातों का विӳाष ध्यान रखना होगा, वे इस प्रकार हैं |(
1 ) ‘निक्षेपों के प्रत्यर्पण’ ( बयाना अर्नेस्ट मनी धनराӫि के निक्षेप के अथवा सार्वजनिक निर्माण कार्य निक्षेप के अन्र्तगत रोकी गई प्रतिभूति की धनराӫियों के प्रत्यर्पण) के लिये काटे गये चेकों की धनराӫियां प्रभाग के साख-पत्रों की सीमा के हिसाब में सम्मिलित नहीं की जायेगी और सार्वजनिक निर्माण विभाग/ सिंचाई विभाग के अधिӫासी अभियन्ता/ प्रभागीय वनााधिकारी उन चेकों पर इस स्थिति को ( ‘‘निक्षेप का प्रत्यर्पण-साख-पत्रों की सीमा के बाहर’’) रबड़ स्टाम्प लगाकर प्रदर्ӫित करेंगे जिसे चेक काटने वाले अधिकारियों द्वारा प्रमाणित किया जायगा।(
2 ) अधीक्षण अभियंता/ अरण्यपाल को इस बात की अनुमति प्रदान की जाती है कि वे विभिन्न प्रभागांेे को आवंटित धनराӫियां जिलों के भीतर पुनग्र्रहण और पुनप्रर्दिष्ट कर सकते हैं बӫर्ते जिले की उस मास की धन सीमा बढ़ न जाय।(
3 ) यदि अधीक्षण अभियंताआंे/ अरण्यपालों के नियंत्रणाधीन प्रभाग एक से अधिक जिले में स्थित हों, तो अधीक्षण अभियंता अपने प्रभार के प्रभागों मेें उस धनराӫि का जो उनके बृत्त से सम्बद्ध प्रभागों हेतु मास के लिये आवंटित की गई हो, पुर्नग्रहण और पुर्नआवंटित कर सकते हैं और ऐसे पुर्नग्रहण तथा पुर्नआवंटन की धनराӫि के सम्बन्ध में अधीक्षण अभियन्ता/ अरण्यपाल पुर्नआवंटन केे अनुदेӫों की प्रतिलिपियां सम्बद्ध कोषाधिकारी को तथा मुख्य अभियन्ता/ मुख्य अरण्यपाल को संसूचित करने की व्यवस्था करेंगे। एक से अधिक जिले में प्रभागों के बीच पुर्नआवंटन करने के सम्बन्ध में प्रतिलिपि ӫासन के वित्त विभाग के सचिव को भी भेजी जायगी।(
4 ) सरकार के अन्य विभागों की ओर से निष्पादन हेतु आरम्भ किये गये निर्माण कार्य के ( जो ‘विप्रेषाधीन निर्माण कार्य’ तथा ‘सार्वजनिक निर्माण कार्य निक्षेप’ कहलाते हैं) सम्बन्ध मेें भी निधियों की आवһकताओें को साख-पत्रों मे सम्मिलित किया जायगा। संबंधित अधिӫासी अभियन्ता या जिला अभियन्ता, मुख्य अभियन्ता को भेजे गये अधियाचन पत्र में धनराӫियों के आवंटन का ब्यौरा और सम्बद्ध विभाग की स्वीئत सूचित करेंगे। ‘विप्रेषण’ के अन्र्तगत आने वाले निर्माण कार्य तथा ‘सार्वजनिक कार्य निक्षेप’ के अन्र्तगत आने वाले निर्माण कार्य के सम्बन्ध में अधिӫासी अभियन्ता/ मुख्य अभियन्ता को अधियाचन पत्र में इस आӫय का एक प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे कि आरम्भ किये जाने वाले निर्माण कार्य के लिए निक्षेप की धनराӫि प्राप्त कर ली गई है तथा प्रभागीय लेखा पुस्तकों में उनका हिसाब दिखाया गया है। वन विभाग में भी मुख्य अरण्यपाल/ अरण्यपाल तथा प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा धनराӫि आवंटन करने की वर्तमान प्रणाली संӫोधित समझी जाय और अब धनराӫि इस कार्यालय ज्ञाप के अनुसार ही आवंटित की जायगी।(
5 ) विभाजन मुख्य लेखा ӫीर्षकवार दिये जायेंगे और कोषाधिकारियों को संसूचित किये जायेंगे। लेकिन स्टेट बैंक आफ इंडिया को वह सम्पूर्ण धनराӫि सूचित की जायगी जो सम्बद्ध अधिकारी आहरण कर सकते हैं।(
6 ) यह प्रणाली उन वेतनों पर लागू नहीं होगी जिनका आहरण इस समय बिल द्वारा होता है।6
साखपत्र की प्रणाली पहली अप्रैल, 1 9 7 4 से लागू की जायगी। इस योजना के अन्र्तगत आने वाले विभागाध्यक्षों से यह अनुरोध किया जाता है कि वे अपने नियंत्रणाधीन अधिकारियों के संबंध में ऊपर पैरा 2 में उल्लिखित ब्योरे संलग्न निर्देӫ में तुरन्त और अधिक से अधिक 15 फरवरी, 1974 तक अवһ भेज दें। उनसे यह भी अनुरोध है कि वे इस कार्यालय ज्ञाप में उल्लिखित विनियोजन नियंत्रण योजना के कार्यान्वयन के संबंध में अपने नियंत्रणाधीन समस्त आहरण अधिकारियांे को समुचित अनुदेӫ जारी कर देें। इस बात पर पुनः जोर दिया जाता है कि आवंटन के लिये प्रस्ताव भेजते समय मुख्य अभियंता/ मुख्य अरण्यपाल कृपया यह सुनिӰित कर लेंगे कि केन्द्रीय क्रमों के पूर्ण भुगतान तथा अपेक्षित आरक्षण के लिये समुचित व्यवस्था कर ली गई है।7
इस सम्बन्ध में वित्तीय नियम संग्रह में यथा समय आवһक संӫोधन किये जायेंगे।स्वतंत्र बीर सिंह जुनेजा,
आयुक्त एवं वित्त सचिव।
सेवा में,
1
मुख्य अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेӫ, लखनऊ।2
मुख्य अभियन्ता, सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेӫ, लखनऊ।3
मुख्य अरण्यपाल, उत्तर प्रदेӫ, लखनऊ।4
सचिव, उत्तर प्रदेӫ ӫासन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, लखनऊ।5
सचिव, उत्तर प्रदेӫ ӫासन, सिंचाई विभाग, लखनऊ।6
सचिव, उत्तर प्रदेӫ ӫासन, वन विभाग, लखनऊ।संख्या ए-
1 / 3 2 4 4 &( 1 ) / X&7 3 , तद्दिनांकप्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवһक कार्यवाही हेतु प्रेषितः
1
महालेखाकार, उत्तर प्रदेӫ ( 1 o 2 ) इलाहाबाद ।2
चीफ एकाउन्टेन्ट, रिजर्व बैंक आफ इडिण्या, सेन्ट˹ आफिस, बम्बई।3
निदेӫक, कोषागार, उत्तर प्रदेӫ लखनऊ।4
सेक्रेटरी एण्ड ट˳जरार, स्टेट बैंक आफ इण्डिया, कानपुर/ नई दिल्ली।5
उत्तर प्रदेӫ के समस्त कोषाधिकारी।6
वित्त ( आय-व्ययक) अनुभाग-1 तथा वित्त विभाग के समस्त व्यय नियन्त्रण अनुभाग।स्वतंत्र बीर सिंह जुनेजा,
आयुक्त एवं वित्त सचिव।
अनुलग्नक
विवरण-पत्र
- 1(
प्रपत्र जिसमें कोषागारों को सूचना भेजी जायेगी)(
प्रतिदर्ӫ आ¤ड़ों सहित नमूना)ज़िला
/ उपकोषागार का नाम
|
|
|
|
|
आवंटन की धनराӫि |
|
पूरे वर्ष के लिये |
|
क्रम-सं0 |
आहरण अधिकारी का नाम |
लेखा ӫीर्षक |
अप्रैल रू0 |
मई रू0 |
जून रू0 |
जुलाई रू0 |
अगस्त आदि रू0 |
रू0 |
1 |
अधिӫाषी अभियन्ता सार्वजनिक निर्माण |
5 0 -सार्वजनिक निर्माण कार्य |
1 ,0 0 ,0 0 0 |
1 ,0 0 ,0 0 0 |
1 ,0 0 ,0 0 0 |
1 ,0 0 ,0 0 0 |
1 ,0 0 ,0 0 0 |
1 2 ,0 0 ,0 0 0 |
|
विभाग, प्रभाग |
5 2 सार्वजनिक निर्माण कार्यों पर पूजी परिव्यय |
1 ,0 0 ,0 0 0 |
1 ,0 0 ,0 0 0 |
1 ,0 0 ,0 0 0 |
1 ,0 0 ,0 0 0 |
1 ,0 0 ,0 0 0 |
1 2 ,0 0 ,0 0 0 |
|
|
1 0 3 -सार्वजनिक निर्माण कार्यों पर पूँजी परिव्यय |
2 ,0 0 ,0 0 0 |
2 ,0 0 ,0 0 0 |
2 ,0 0 ,0 0 0 |
2 ,0 0 ,0 0 0 |
2 ,0 0 ,0 0 0 |
2 4 ,0 0 ,0 0 0 |
|
|
1 0 9अन्य निर्माण कार्यों पर पूँजी परिव्यय |
1 0 0 |
1 0 0 |
1 0 0 |
1 0 0 |
1 0 0 |
1 ,2 0 0 |
|
|
योग |
4 ,0 0 ,1 0 0 |
4 ,0 0 ,1 0 0 |
4 ,0 0 ,1 0 0 |
4 ,0 0 ,1 0 0 |
4 ,0 0 ,1 0 0 |
4 8 ,0 1 ,2 0 0 |
विवरण-पत्र
- 2(
विभागाध्यक्षों द्वारा ӫासन को भेजे जाने वाले विवरण)लेखा ӫीर्षक ‘‘
5 0 सार्वजनिक निर्माण कार्य’’
क्रम संख्या |
वृत्त / प्रभाग का नाम |
अधिकारी का नाम |
कोषागार / उप कोषागार का नाम |
प्रदिष्ट धनराӫि |
योग |
||||
अप्रैल |
मई |
जून |
जुलाई |
अगस्त |
|||||
1 |
X X X प्रभाग |
अधिӫाषी अभियन्ता |
|
|
|
|
|
|
|
2 |
X X X प्रभाग |
अधिӫाषी अभियन्ता |
|
|
|
|
|
|
|
3 |
X X X प्रभाग |
अधिӫाषी अभियन्ता |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
योग |
|
|
|
|
|
|
|
क्रम संख्या |
आहरण अधिकारी के नाम |
लेखा ӫीर्षक |
आवंटन की धनराӫि |
||||||
अप्रैल |
मई |
जून |
जुलाई |
अगस्त |
आदि |
पूरे वर्ष के लिये |
|||
रू0 |
रू0 |
रू0 |
रू0 |
||||||
|
( वन) प्रभागीय वनाधिकारी |
7 0 वन |
5 ,00,000 |
5 ,00,000 |
5 ,0 0 ,0 0 0 |
5 ,0 0 ,0 0 0 |
|
|
6 0 ,0 0 ,0 0 0 |
|
|
अन्य लेखा ӫीर्षक |
1 ,0 0 0 |
1 ,0 0 0 |
1 ,0 0 0 |
1 ,0 0 0 |
|
|
1 2 ,0 0 0 |
|
|
निक्षेप सामान्य भविष्य निधि ( जी0पी0एफ0) |
5 ,0 0 0 |
5 ,0 0 0 |
5 ,0 0 0 |
5 ,0 0 0 |
|
|
6 0 ,0 0 0 |
|
|
अग्रिम ओ0बी0ए0 |
2 ,0 0 0 |
2 ,0 0 0 |
2 ,0 0 0 |
2 ,0 0 0 |
|
|
2 4 ,0 0 0 |
|
|
योग |
5 ,0 8 ,0 0 0 |
5 ,0 8 ,0 0 0 |
5 ,0 8 ,0 0 0 |
5 ,0 8 ,0 0 0 |
|
|
6 0 ,9 6 ,0 0 0 |
MOST IMPORTANT
UTTAR PRADESH SHASAN
FINANCE (A- 1) DEPARTMENT
No. A-1/3244/Xנ1973
Dated Lucknow, December 11, 1973
OFFICE MEMORANDUM
The Government have from time to time felt the need for introducing a system of appropriation control in regard to drawings of the officers of major spending departments and, as a first stage, have decided to introduce the system for the Public Works Department, Irrigation Department and Forest Department.
2. It has accordingly been decided to introduce a system of issue of letters of credit for each Drawing Officer of the above departments on the Sub-Treasuries or Treasuries, stipulating the amount that could be drawn by the officer concerned every month and also the total amount that could be drawn during the year. The Heads of Departments covered by the scheme will furnish to the Finance Department a statement showing the budget allocations, the amount necessary for operation at Headquarters for adjustments against central purchases and by way of central reserve for further allocation for special and urgent needs of subordinate officers and the limits upto which their subordinate officers need be allowed to draw funds every month. The breakup to be given to Government will be for a district Treasury as a unit. Based on these statements, the Finance Department will issue necessary instructions to the Treasury Officers indicating the monthly as well as annual allocations for the various drawing officers. These drawing officers (like Executive Engineers) will further allocate the allotments among various subordinate officers working under them (e. g. Assistant Engineers)and inform the District Treasuries of the allotments. The District Treasury Officers will in turn communicate these allocations to the concerned branches of the State Bank and the various sub-Treasuries.
3. The intension is that the drawal of cheques by the officers of the P. W. D., Irrigation Department and Forest Department should be regulated with reference to the allotments for those officers communicated to the respective branches of the State Bank of India. This system of letters of credit will apply only to the drawings on the expenditure side under P. W. D., Irrigation Department and Forest Department remittances. The procedure for the paying in of receipts into the bank by these departments will continue as heretofore and will not be affected in any way by the system of letters of credit. As at present, there can no drawals on these receipts.
4. Cheques drawn by the various drawing officers will be honoured by the branches of the State Bank of India upto the amount of allocation communicated to the bank in respect of that officer. In case the drawings in a particular month fall below the allocation for that month, the officer will be permitted to carry over such balance to the subsequent months, subject to the overall provision for the year not being exceeded. The balance outstanding as at the close of the financial year will stand lapsed. However, a cheque drawn before, but paid after the end of the financial year, will be taken against the letter of credit of the year in which it was drawn. During the course of the year, it may be necessary to resume allocations from certain officers and reallot them to others. On intimation from Chief Engineer/Chief Conservator of Forests orders will be issued to Treasury Officers concerned to resume necessary funds and to increase the allocations.
5. Some of the points which will require special attention of the Chief Engineers/Chief Conservator of Forests are also given below :/P>
(i) In respect of cheques drawn for Ғefund of DepositsҠ(Refund of Earnest Money Deposit or withheld security amounts under Public Works Deposits) the amounts shall not be taken against the limit of letters of credit of the Divisions and the Executive Engineers of Public Works Department/Irrigation Department/Divisional Forest Officers shall indicate the position on these cheques by rubber stamp ("Refund of Deposits؏utside Letter of Credit limits") under attestation of the cheque drawing officers.
(ii) The Superintending Engineers/Conservators of Forests are permitted to resume and to reallocate, within the districts, the amounts allotted to different divisions subject to the condition that the monetary limit of the district for the month shall not be exceeded.
(iii) When the divisions under the control of the Superintending Engineers/Conservators of Forests are situated in more than one district, the Superintending Engineers may resume and reallocate amongst the divisions in their charge the amounts that have been allocated for the month in respect of the divisions attached to the circle and in respect of such resumption and reallocation of amounts, the Superintending Engineer/Conservators of Forests shall arrange to communicate the copies of the instructions for the re-allocation to the Treasury Officers concerned, and to Chief Engineer/Chief Conservator of Forests. In respect of allocation amongst divisions in more than one district, copies shall be sent to the Secretary to Government, Finance Department also.
(iv) In respect of works taken up for execution on behalf of other departments of Government (known as works under ҒemittancesҠand also under Ґublic Works Depositsҩ the requirements of funds shall be included in the letters of credit. The concerned Executive Engineers or the District Engineer shall indicate, in the requisition sent to the Chief Engineer, the particulars of allotment of funds and sanction of the department concerned. In respect of work coming under ҒemittancesҠand in respect of works under Ґublic Works DepositsҠthe Executive Engineer shall furnish certificates in the letter of requisition to the Chief Engineer that amounts of deposits for the works to be taken up have been received and accounted for in the Divisional books. The existing system of allocation of funds by the Chief Conservator of Forests, Conservators of Forests and Divisional Forest Officers in the Forest Department will stand modified and funds will now be allocated as indicated in this Office Memorandum.
(v) The break-up will be given major headwise and will be communicated to Treasury Officers; however the State Bank of India will be given information of the total amount that may be drawn by the officer concerned.
(vi) This system will not apply to salaries which are at present drawn by bills.
6. This system of introduction of letters of credit will be introduced commencing from 1st April, 1974. The Heads of Departments brought under the scheme are requested to furnish immediately in the proforma enclosed and in any case not later than 15th February, 1974, the particulars referred to in para 2 above in respect of officers under their control. They are also requested to issue suitable instructions to the various drawing officers under their control regarding the implementation of the scheme of appropriation control indicated in this Office Memorandum. It is reiterated that the Chief Engineers/Chief Conservator of Forests should ensure that while sending the proposals for allocation suitable provision is made to cover fully payments for the central purchases and necessary reserve.
7. Necessary amendments on this account will be made in the Financial Hand Books in due course.
S. V. S. JUNEJA
Commissioner and Secretary, Finance.
To
1. The Chief Engineer, U. P., Public Works Department, Lucknow.
2. The Engineer-in-Chief, U. P., Irrigation Department, Lucknow.
3. The Chief Conservator of Forests, Uttar Pradesh, Lucknow.
4. The Secretary to Government, U. P., Public Works Department, Lucknow.
5. The Secretary to Government, U. P., Irrigation Department, Lucknow.
6. The Secretary to Government, U. P., Forest Department, Lucknow.
No. A-1/3244(i)X-1973 OF DATE
Copy for information and necessary action forwarded to/P>
(1) The Accountant General U. P., I and II, Allahabad.
(2) The Chief Accountant, Reserve Bank of India, Central Office, Bombay.
(3) The Director of Treasuries, U. P., Lucknow.
(4) The Secretary and Treasurer, State Bank of India, Kanpur/New Delhi.
(5) All Treasury Officers, Uttar Pradesh.
(6) Finance (Budget-1) and all expenditure control Sections of Finance Department.
By order,
S. V. S. JUNEJA
Commissioner and Secretary, Finance.
ANNEXURE
STATEMENT I
(Form in which information will be supplied to Treasuries)
(Specimen with sample Data)
Name of the District Sub-Treasury
Serial no. |
Name of Drawing Officer |
Head of Account |
Amount of Allocation for |
For the full year |
||||
April |
May |
June |
July |
August etc. |
||||
Rs. |
Rs. |
Rs. |
Rs. |
Rs. |
Rs. |
|||
1 |
E.E. (P.W.D.) XX Division. |
50ؐublic Works |
1,00,000 |
1,00,000 |
1,00,000 |
1,00,000 |
1,00,000 |
12,00,000 |
52apital Outlay on Public Works. |
1,00,000 |
1,00,000 |
1,00,000 |
1,00,000 |
1,00,000 |
12,00,000 |
||
103apital Outlay on Public Works. |
2,00,000 |
2,00,000 |
2,00,000 |
2,00,000 |
2,00,000 |
24,00,000 |
||
109apital Outlay on other Works |
100 |
100 |
100 |
100 |
100 |
1,200 |
||
|
|
Total |
4,00,100 |
4,00,100 |
4,00,100 |
4,00,100 |
4,00,100 |
48,01,000 |
STATEMENT 2
(Statement to be sent by Heads of Department to Government)
Head of Account : "50ؐublic Works"
Serial no. |
Name of Circle/ Division |
Name of Officer |
Name of the Treasury |
Amount allocated |
Total |
||||||||||
Sub-Treasury |
April |
May |
June |
July |
August etc. |
||||||||||
1 |
E.E. X Division |
|
|
|
|
|
|
||||||||
2 |
E.E. Y Division |
|
|
|
|
|
|
||||||||
3 |
E.E. Z Division |
|
|
|
|
|
|
||||||||
|
Total |
|
|
|
|
|
|
||||||||
Seria l no. |
Name of the Drawing Officer |
Head of Account |
Amount of allocation for |
For the full year |
|||||||||||
|
|
|
April |
May |
June |
July |
August etc. |
|
|||||||
1 |
(Forest) D. F. O. Nilgiris. |
70 Forest |
5,00,000 |
5,00,000 |
5,00,000 |
5,00,000 |
|
60,00,000 |
|||||||
|
|
50 Public Works |
1,000 |
1,000 |
1,000 |
1,000 |
|
12,000 |
|||||||
|
|
Other Heads of Account. |
|
|
|
|
|
|
|||||||
Deposits |
5,000 |
5,000 |
5,000 |
5,000 |
60,000 |
||||||||||
G. P. F. |
|||||||||||||||
Advances |
2,000 |
2,000 |
2,000 |
2,000 |
24,000 |
||||||||||
O.B.A. |
|||||||||||||||
|
|
Total |
5,08,000 |
5,08,000 |
5,08,000 |
5,08,000 |
|
60,96,000 |